कृषि सुधार कानून के बाद देश में जितने चुनाव हुए, उन सभी चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की जीत हुई है- पात्रा
- Punarvas News Desk
भारतीय
जनता
पार्टी
के
राष्ट्रीय
प्रवक्ता
डॉ
संबित
पात्रा
ने
आज 14 दिसंबर 2020 को पार्टी
के
केंद्रीय
कार्यालय
में
आयोजित
एक
पत्रकार
वार्ता
को
संबोधित
किया
और
गोवा
के
जिला
पंचायत
चुनावों
में
भाजपा
को
मिली
शानदार
सफलता
को
रेखांकित
करते
हुए
उन्होंने
कांग्रेस
और
विपक्ष
पर
करारा
हमला
बोला।
ज्ञात
हो
कि
गोवा
जिला
पंचायत
के
घोषित
चुनाव
परिणामों
में
भाजपा
ने
नॉर्थ
गोवा
और
साउथ
गोवा,
दोनों
जगह
भारी
विजय
के
साथ
संपूर्ण
बहुमत
प्राप्त
किया
है
जबकि
कांग्रेस
की
करारी
हार
हुई
है।
आम
आदमी
पार्टी
का
तो
इन
चुनावों
में
खाता
तक
नहीं
खुल
पाया।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कि गोवा में जिला पंचायत चुनाव में बीजेपी अपने दम पर शानदार बहुमत प्राप्त किया है जबकि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी हमारे आसपास भी नहीं है। इसी तरह बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल के चुनाव में भी भाजपा ने 1 से 9 का सफ़र पूरा किया है और अब अपने सहयोगी यूपीपीएल और जीएसपी के साथ काउंसिल बनाने जा रही है। राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों के स्थानीय निकाय चुनावों में भी भाजपा ने मिथक तोड़ते हुए कांग्रेस पर शानदार जीत दर्ज की है। वहीं, ग्रेटर हैदराबाद म्युनिसिपल कॉरपोरेशन चुनाव में भी भाजपा ने प्रभावी जीत दर्ज करते हुए विपक्षियों की नींद उड़ा दी है। लद्दाख हिल डेवलपमेंट के लिए हुए चुनावों में भी भाजपा ने भारी जीत दर्ज की थी। अरुणाचल प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनाव होने हैं लेकिन इससे पहले ही भाजपा कई सीटों पर निर्विरोध जीत चुकी है। उन्होंने कहा कि बिहार विधान सभा चुनाव के साथ साथ देश के 12 राज्यों में हुए उप-चुनावों में भी लद्दाख से लेकर कर्नाटक तक और गुजरात से लेकर मणिपुर तक की जनता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विकास यात्रा में अपनी अटूट आस्था व्यक्त करते हुए उनकी नीतियों में विश्वास व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि कृषि सुधार कानून के बाद देश में जितने चुनाव हुए, उन सभी चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की जीत हुई है क्योंकि देश के गाँव, गरीब, किसान और मजदूर मोदी सरकार और भारतीय जनता पार्टी के साथ है। ये परिणाम संभव नहीं होते अगर देश के किसान हमारे साथ नहीं होते।
डॉ पात्रा ने कहा कि कोरोना, वैश्विक आर्थिक संकट और प्रवासी मजदूरों की समस्या की तरह विपक्ष अब कृषि सुधारों को लेकर भ्रमजाल फैलाने की नापाक कोशिश कर रहा है। लेकिन, भारत की जनता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कोविड मैनेजमेंट, आत्मनिर्भर भारत अभियान और ग्रामीण रोजगार योजना के साथ - साथ देश के 80 करोड़ लोगों को 8 महीने तक मुफ्त राशन पहुँचाने की नीति को अपना आशीर्वाद दिया है और विपक्ष की साजिशों को सिरे से खारिज कर दिया है। किसानों के आंदोलन पर विपक्ष भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहा है। यह किसानों के लिए नहीं बल्कि सत्ता के लिए किसानों की आड़ में कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टियों की राजनीतिक लड़ाई है।
राहुल गाँधी पर हमला करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि राहुल गाँधी किसानों को भ्रमित करने के लिए बार-बार ट्वीट कर रहे हैं। वे कितना समझते हैं किसानी को! हां, माना कि उनके जीजा जी किसान हैं लेकिन राहुल गाँधी शायद रबी और खरीफ को भी भाजपा कार्यकर्ता समझते हैं। उन्हें तो यह पता भी नहीं कि ये फसलों के प्रकार हैं। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि जहां तक कांग्रेस का अंबाला के पास शंभू बॉर्डर पर टेंट लगाने की बात है तो कांग्रेस का खुद का टेंट उड़ गया है। ये अपना अध्यक्ष तो चुन नहीं पा रहे। उन्होंने कहा कि ये कांग्रेस I (आई) नहीं कांग्रेस P यानी पनौती है, जिसके साथ जुड़ती है, उसे ख़त्म कर देती है।
अरविन्द केजरीवाल के एक दिन के उपवास पर निशाना साधते हुए डॉ पात्रा ने कहा कि उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री और पंजाब के मुख्यमंत्री एक दूसरे को ढोंगी और बदमाश कह रहे है। अरविंद केजरीवाल गोवा में तो जीरो हैं लेकिन यहां हीरो बनने की कोशिश कर रहे है। उन्होंने कहा कि अरविन्द केजरीवाल का उपवास नींबू पानी वाला नहीं, सत्ता की भूख का उपवास है। उन्होंने कहा कि आप तो वही अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी हैं न जिसने जब पंजाब में चुनाव हुआ था तो अपने मेनिफिस्टो में घोषणा की थी कि अगर पंजाब में हम सत्ता में आ जाएंगे तो बिचौलियों को हटा देंगे और APMC के जो कानून हैं उनमें सुधार करेंगे और आज आप भूख हड़ताल पर बैठ गए।
भाजपा
प्रवक्ता
ने
जोर
देते
हुए
कहा
कि
विपक्ष
विधेयक
के
प्रावधानों
के
बारे
में
कुछ
नहीं
कह
रहा
है।
विपक्ष
झूठा
अफवाह
फैला
रहा
है
कि
किसानों
को
उनके
उपज
का
न्यूनतम
समर्थन
मूल्य
(एमएसपी)
नहीं
मिलेगा
जबकि
विधेयक
में
कहीं
नहीं
लिखा
कि
किसानों
को
एमएसपी
नहीं
मिलेगा।
उन्हें
पहले
ही
तरह
इसका
लाभ
मिलता
रहेगा
और
इसके
बारे
में
प्रधानमंत्री,
गृह
मंत्री
और
कृषि
मंत्री
ने
बार-बार
इसे
दोहराया
है
लेकिन
विपक्ष
को
तो
केवल
राजनीति
करनी
है।
उन्होंने
कहा
कि
किसानों
के
पास
विकल्प
होगा
कि
वे
अपना
उत्पाद
किसे
बेचाना
चाहते
हैं।
यह
कृषि
क्षेत्र
का
ही
उदारीकरण
नहीं
है
बल्कि
देश
के
हर
किसान
के
लिए
छूट
है।
आजादी
के
बाद
पहली
बार
किसान
स्वतंत्रता
का
स्वाद
चखेंगे।