हमने सत्ता को सेवा का माध्यम माना कभी लाभ का माध्यम नहीं बनाया - नरेन्द्र मोदी
निःस्वार्थ सेवा ही हमारा संकल्प रहा है और यही हमारे संस्कार रहे हैं- नरेन्द्र मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने 7 ‘S' से पार्टी का मूल मंत्र समझाया- सेवा भाव, संतुलन, संयम, समन्वय, सकारात्मकता, सद्भाव और संवाद की शक्ति
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज 4 जुलाई को भारतीय जनता पार्टी के ‘सेवा ही संगठन' कार्यक्रम के प्रस्तुतीकरण कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित किया और कार्यकर्ताओं में ऊर्जा का नया संचार किया। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के समक्ष पार्टी की राजस्थान, महाराष्ट्र, असम, उत्तर प्रदेश, बिहार, कर्नाटक और दिल्ली इकाई ने डिजिटली अपना प्रस्तुतीकरण दिया और लॉकडाउन के दौरान जन-सेवा के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा किये गए कार्यों के बारे में विस्तार से बताया। राज्यों ने कई लोगों की प्रेरणादायी कहानियों को भी प्रधानमंत्री और पार्टी नेतृत्व के साथ साझा किया। कार्यक्रम को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने भी संबोधित किया।
प्रधानमंत्री ने पूरे मनोयोग से सभी राज्यों के प्रस्तुतीकरण को देखा और सुना। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान भारतीय जनता पार्टी ने एक संगठन के रूप में जन-सेवा की जो अद्भुत मिसाल पेश की है, वह मानव इतिहास का सबसे बड़ा अभियान है। भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए राष्ट्र की सेवा करना सबसे पहला धर्म है। इस चुनौतीपूर्ण समय में, हमारे कार्यकर्ता भारत भर में अथक प्रयास करके जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं, यह प्रशंसनीय और अनुकरणीय है। उन्होंने कहा कि हमारा संगठन चुनाव जीतने की मशीन नहीं है, हमारे लिए संगठन का मतलब है 'सेवा, सबका साथ, सबका सुख और सबकी समृद्धि। हमारा संगठन समाज के हित के लिए काम करने वाला संगठन है। इसलिए पार्टी को मंडल स्तर, जिला स्तर, राज्य स्तर और राष्ट्रीय स्तर पर इस अभियान पर एक डिजिटल बुकलेट प्रकाशित करना चाहिए और हम यह लक्ष्य निर्धारित करें कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती यानी 25 सितंबर तक कम से कम तीन भाषाओं हिंदी, अंग्रेजी और मातृभाषा में डिजिटल बुकलेट प्रकाशित हो जाए। यह ऐसी चीज है जो भविष्य में प्रेरणा देने वाली है।
श्री मोदी ने कहा कि 'मैं पार्टी कार्यकर्ताओं के सेवा भाव से अभिभूत हूँ। मैं पार्टी की अन्य इकाइयों से भी अपील करता हूँ कि वे अपना प्रस्तुतीकरण मुझे भेजें, मैं उन्हें देखूंगा। उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं ने आपदा को अवसर में बदल दिया। अवसर ये कि आप ज्यादा से ज्यादा लोगों की सेवा कर सकें, ज्यादा से ज्यादा लोगों की तकलीफ कम कर सकें, उन्हें इस मुसीबत से उबार सकें। उन्होंने कहा कि जिसकी हम सेवा करते हैं, उसका सुख ही हमारा संतोष है। इसी भावना से गरीबों के प्रति, इसी समभाव और ममभाव से हमारे कार्यकर्ताओं ने इतने कठिन समय में 'सेवा ही संगठन' का इतना बड़ा अभियान चलाया है। दुनिया की नजरों में पार्टी कार्यकर्ता कोरोना काल में काम कर रहे थे लेकिन मेरी नजर में वे खुद को कसौटी पर कस रहे थे, अपने आदर्शों के बीच खुद को तपा रहे थे। आज मैंने जब प्रेजेंटेशन देखा तो मुझे बड़ा अचरज हुआ। आप लॉकडाउन के बीच अभाव और खतरे के बीच लाखों लोगों का सहारा बने। उनके साथी बने, यह बहुत बड़ा काम है। पार्टी कार्यकर्ताओं का यह अदम्य सेवा भाव और संगठन द्वारा ‘सेवा ही संगठन’ को आत्मसात करना मुझे भी नई ऊर्जा प्रदान कर रहा है। मैं इसके लिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा जी एवं सभी पार्टी कार्यकर्ताओं का अभिनंदन करता हूँ।'
प्रधानमंत्री ने कहा कि 'एक ऐसे समय में जब दुनिया में सब अपने आप को बचाने में लगे हों, भाजपा कार्यकर्ताओं ने अपनी चिंता छोड़कर खुद को गरीबों-जरूरतमंदों की सेवा में समर्पित कर दिया। यह सेवा का बहुत बड़ा उदाहरण है। कई शहरों में हमारे पार्टी कार्यकर्ता खतरे को जानते हुए भी कार्य करते रहे। ऐसे कई साथियों ने जन-सेवा हेतु अपना बलिदान दिया है। मैं उन्हें अपनी विनम्र श्रद्धांजलि देता हूं एवं उनके परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। मैं उन राज्यों की पार्टी इकाइयों से अनुरोध करता हूं कि वे इन परिवारों को संभालें।'
श्री मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भी हर दिन अपने घर से 500 लोगों को खाना पहुंचाने का प्रबंध किया। जिस पार्टी के शीर्ष से लेकर बूथ स्तर तक के कार्यकर्ता, सांसद, विधायक सेवा को ही अपना कर्तव्य माने, जीवन मंत्र माने, इसे देख कर हमें गर्व होता है कि हम ऐसे सेवाव्रती संगठन के सदस्य हैं। जन संघ के समय से ही ये सेवा भाव की परंपरा और संस्कार हमारे अंदर आत्मसात हुए। उन्होंने कहा कि जनसंघ और भाजपा के जन्म का मूलतः उद्देश्य ही यही था कि हमारा देश सुखी कैसे बने, समृद्ध कैसे बने। इसी मूल प्रेरणा के साथ, भारतीयता की प्रेरणा के साथ, सेवा की भावना के साथ हम राजनीति में आए। हमने राजनीति में सदैव ही सत्ता को सेवा का माध्यम माना। हमने कभी भी सत्ता को अपने लाभ का माध्यम नहीं बनाया। निःस्वार्थ सेवा ही हमारा संकल्प रहा है और यही हमारे संस्कार रहे हैं। हमें अपने पूर्वगामियों की तपस्या से ये संस्कार मिले हैं। हमारा यह समर्पित जीवन आगे की पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणा देगा।
सात ‘S' को पार्टी का मूल मंत्र बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें 7 ‘S' अर्थात् सेवा भाव, संतुलन, संयम, समन्वय, सकारात्मकता, सद्भाव और संवाद की शक्ति को लेकर आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में पार्टी के 52 अनुसूचित जाति के सांसद, 43 आदिवासी सांसद, 113 से अधिक पिछड़े वर्ग के सांसद और विधानसभाओं में 150 से अधिक विधायक हैं अर्थात् भारतीय जनता पार्टी सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व करती है। इसका यह भी मतलब है कि भारतीय जनता पार्टी हर वर्ग से जुड़ी हुई है और समाज का हर वर्ग हमसे जुड़ा है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में ‘स्पर्धा' का एक गुण भी होता है लेकिन जब एक समान लक्ष्य के साथ समान भाव से सेवा का कार्य किया जाय तो यह संगठन की शक्ति बन जाता है। इससे न केवल संगठन की टीम भावना प्रबल होती है बल्कि व्यक्ति और व्यक्तित्व का भी विकास होता है। इस तरह के सेवा अभियानों से लोगों की मदद तो होती ही है, पार्टी कार्यकर्ताओं को भी समाज को जानने का, नए तरीके से सोचने का अवसर मिलता है। यह पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए एक तरह से प्रशिक्षण का भी काम करता है।
श्री मोदी ने कहा कि 'भाजपा के सेवा कार्यक्रमों की इतनी बड़ी व्यापकता, इतनी बड़ी विविधता, इतने बड़े स्केल पर, इतने लंबे समय तक सेवा - मुझे लगता है कि यह मानव इतिहास का सबसे बड़ा सेवा यज्ञ है। मुझे पार्टी कार्यकर्ताओं पर पूरा भरोसा है कि वे आने वाले दिनों में भी ऐसे ही जी-जान से लगे रहकर लोगों की मदद का काम करते रहेंगे।'